कुमाऊं में नए साल से यात्रियों के लिए नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। बाहरी राज्यों के वाहनों को प्रवेश शुल्क के रूप में टैक्स चुकाना होगा। सीमा को पार करते ही स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरों से खुद एक निश्चित रकम कटकर सरकार के खाते में चली जाएगी। राज्य को आर्थिक रूप से ताकत देने वाली ये व्यवस्था हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर शुरू की जा रही है। कुमाऊं ही नहीं, पूरे प्रदेश में अभी तक मालभार कमर्शियल वाहनों से ग्रीन सेस लिया जा रहा है। जिसमें वाहन चालक से 40 से 80 रुपये तक ग्रीन सेस के रूप में वसूले जाते हैं। निजी और छोटे वाहनों से परिवहन विभाग की तरफ से कोई वसूली नहीं की जा रही है। मगर अब भविष्य में फास्ट टैग वालेट से आनलाइन ग्रीन सेस काटे जाने की योजना है।ग्रीन सेस की दिशा में परिवहन विभाग तेजी से काम कर रहा है।
बता दे कुमाऊं की सात सीमाओं पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरे लग चुके हैं। जिसमें ऊधम सिंह नगर जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, पुलभट्टा, मझोला व नैनीताल जिले का काठगोदाम शामिल हैं। उत्तराखंड परिवहन विभाग ने आटोमेटिक व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम को शुरू करने के लिए निजी कंपनी को हायर करने की तैयारी कर ली है। बकायदा इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दिसंबर के पहले हफ्ते में कंपनी के चयन के बाद आगे पुरे काम को जल्द से जल्द पूरा किये जाने की तैयारी है। इस तरह नए साल से इस नई प्रणाली के लागू होने और प्रदेश से बाहर के वाहनों से सेस वसूली का काम शुरू हो जाएगा।