30 साल की तपस्या के बाद आखिरकार 55 वर्षीय भावना रावल भगवान श्रीकृष्ण के साथ मन से पवित्र बंधन में बंध गईं। शहर के पंचेश्वर मंदिर में वृंदावन से लाई गई भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ बृहस्पतिवार को सभी धार्मिक अनुष्ठान के साथ भावना का विवाह हुआ। इससे पहले बरात भी निकली, जिसमें स्थानीय लोग घराती और बराती बनकर नाचे। आपको बता दे हल्द्वानी के तिकोनिया इलाके की रहने वाली भावना का कहना है कि बचपन से भगवान कृष्ण के संग उनका नाता रहा है। छोटी उम्र में दूसरे बच्चे गुड्डा-गुड़िया के साथ खेलते थे, जबकि वो भगवान की मूर्ति के साथ खेला करती थीं। साथ ही उन्होंने कहा की कल का दिन उनके लिए परम सौभाग्य का दिन है।
बता दे बृहस्पतिवार को शुभ मुहूर्त में आवास विकास कॉलोनी से बैंडबाजे के साथ बरात निकली और वृंदावन से डोली में विराजमान होकर दूल्हे के रूप में आई भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति संग बराती जमकर नाचे। साथ ही बैंडबाजों के बीच बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं और बच्चे भी बरात के साक्षी बने जिसमे शहर के गणमान्य लोग भी शामिल हुए। जिसके बाद पंचेश्वर मंदिर में विधि-विधान से विवाह संपन्न हुआ और भावना के भाई उमेश रावल और सरोज रावल ने उनका कन्यादान किया। इसी बीच महिलाये भी शगुन गीत गाते हुए नजर आयी। दरअसल विवाह का खर्च मंदिर समिति समेत स्थानीय निवासियों और प्रबुद्ध लोगों ने किया। हालांकि इसी दौरान निवर्तमान मेयर जोगेंद्र रौतेला समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्धगण मौजूद रहे। साथ ही इससे पहले बुधवार को भावना के तिकोनिया स्थित आवास पर गणेश पूजा, हल्दी और मेहंदी की रस्म हुई थी।