उत्तराखंड की संस्कृति बेहद ही खुबसूरत और मनमोहक है बता दे की पहाड़ की संस्कृति को बचाने के लिए बहुत से प्रयास किए जाते है ,वहीं अब एक और प्रयास किया गया है ,तो क्या है ये प्रयास चलिए जानते है .
राज्य की पहाड़ी सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हर कोई प्रयासरत हैं। इसके तहत ही पिछले वर्ष कई सरकारी विद्यालयों में कुमाऊनी और गढ़वाली भाषाओं में प्रार्थना करने की एक अनोखी शुरुआत हुई थी, और सरकार के प्रोत्साहन से जहां पर्वतीय जिलों के शिक्षकों में एक उत्साह का संचार हुआ वहीं अपनी सभ्यता और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के लिए कुछ ना कुछ करने की ललक भी जगी। इसी का उदाहरण आज हम सभी के सामने है।
जी हां.. हम बात कर रहे हैं बागेश्वर जिले की जंहा दिन की शुरुआत पारम्परिक पहाड़ी वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि से होती है। आपको सुनकर आश्चर्य हो रहा होगा परन्तु यह सच्चाई है और इस बात का प्रमाण है यह विडियो जिसको आप खुद देखेंगे।