उत्तराखंड के कई जिलों मे पिछले 48 घंटे से हो रही बरसात के चलते नदी नाले उफान पर हैं। साथ ही काठगोदाम स्थित गौला बैराज से सिंचाई विभाग ने करीब 78000 क्यूसेक पानी को छोड़ा है। जिसके चलते गौला नदी में भारी मात्रा में पानी आने से हल्द्वानी से गौलापार और पहाड़ों को जोड़ने वाली गौला नदी के ऊपर बने पुल का एक हिस्सा बह गया। जिससे पहाड़ों के अलावा गौलापार, सितारगंज, टनकपुर और पीलीभीत को जोड़ने वाला गौला पुल खतरे की जद में आ गया है। हालाँकि ऐसे में यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। साथ ही एनएचएआई और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पुल का निरीक्षण किया जा रहा है। दरअसल पुल के एप्रोच हिस्से के टूट जाने से पहाड़ों को जाने वाले वाहनों को अब काठगोदाम और कालाढूंगी होते हुए पहाड़ों को भेजा जा रहा है।
वही सुरक्षा के दृष्टिगत पुल पर पुलिस प्रशासन को तैनात किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधिकारी मौके पर पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को मरम्मत करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. ऐसा अनुमान है कि क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने में एनएचएआई को एक महीने का समय लग सकता है। पुलिस क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी नितिन लोहनी ने बताया की सुरक्षा के दृष्टिगत पुल को बंद कर दिया गया है। पहाड़ों को जाने वाले वाहनों को वाया काठगोदाम और कालाढूंगी रोड से भेजा जा रहा है। साथ ही सितारगंज को जाने वाले वाहनों को लालकुआं होते हुए भेजा जा रहा है।