उत्तराखंड चमोली जिले के थराली तहसील के गांव कोलपुड़ी के लापता सैनिक नारायण सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद कल अपने घर पहुंचा। आपको बता दे इस दौरान लोगों ने नारायण सिंह अमर रहे के नारे भी लगाए। साथ ही छह गनेडियर रुद्रप्रयाग की बटालियन ने पार्थिव शरीर को गाैचर हेलीपैड पर सलामी दी और गौचर से पार्थिव शरीर को रुद्रप्रयाग ले जाया गया। जहां से कल गुरुवार को पार्थिव शरीर की थराली कोलपुड़ी में अंत्येष्टि की गई। दरअसल 1968 में भारतीय वायुसेना का एएन- 12 विमान 98 जवानों और चार क्रू मेंबर्स के साथ चंडीगढ़ से उड़ान भरकर रवाना हुआ था। लेकिन मौसम खराब होने की वजह से ये प्लेन लैंड नहीं हो पाया। साथ ही बीच रास्ते में ही प्लेन क्रैश हो गया और लापता हो गया।
इसके बाद 56 साल से इस प्लेन की तलाश जारी है। हालाकि हादसे के बाद से प्लेन का सर्च अभियान लगातार चलाया जा रहा है। बता दे सबसे पहले प्लेन का मलबा ढाका ग्लेशियर के पास मिला था। इसके बाद एरिया के पास में ही विमान और जवानों को सर्च किया जाने लगा। जिसके परिणाम में 2019 में पांच फौजियों के अवशेष भी मिले। और इसके अलावा कई दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। लेकिन कुछ ही दिन पहले 29 सितंबर को चार और जवानों के शव बर्फ से बरामद किये गए, जिसमें उत्तराखंड के शहीद नारायण सिंह का शव भी शामिल था। हालाकि कल शहीद का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन कर दिया गया और 56 साल के इन्तजार के बाद कल जवान को मुक्ति मिली।