लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद देशभर में सियासी दल आंतरिक बैठक कर आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं। दरअसल इसी कड़ी में सोमवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक की और राहुल गांधी की संसदीय सीट को लेकर फैसला किया। आपको बता दे बैठक के बाद खरगे ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली अपने पास रखेंगे। जिसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम सबने बैठक में तय कर लिया कि राहुल गांधी रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे, क्योंकि रायबरेली पहले से ही उनके काफी नजदीक रही है और काफी पीढ़ियों से वहां से लड़ते आए हैं। इसलिए वहां के लोगों और पार्टी के लोगों का भी कहना है कि वह रायबरेली की सीट अपने पास रखें। हलाकि वायनाड के लोगों का प्यार भी राहुल को खूब मिला और वायनाड के लोग चाहते हैं कि राहुल वायनाड में ही रहें, लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता। इसलिए वायनाड सीट से अब प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी।
वही राहुल गाँधी का कहना है की उनके लिए यह एक मुश्किल फैसला था क्योंकि रायबरेली और वायनाड, दोनों से उनका भावनात्मक लगाव है। साथ भी वायनाड से सांसद के तौर पर पिछले पांच साल बहुत शानदार और सुखद अनुभव वाले रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि वायनाड के लोगों ने उनके कठिन समय में उन्हें लड़ने के लिए समर्थन और ऊर्जा दी। जिसे वो कभी नहीं भूलेंगे। साथ ही वो वायनाड का दौरा करना जारी रखेंगे और वायनाड से किये गए वादों को भी पूरा करेंगे। वही बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि वो इस फैसले से बहुत खुश है और वायनाड का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व की बात होगी। साथ ही वो एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करेंगी।