जाने-माने फिल्म प्रोड्यूसर-डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ 1 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। दरअसल हीरामंडी बनाने का आईडिया संजय भंसाली को 16 साल पहले उनके दोस्त मोईन बेग ने दिया था। लेकिन संजय भंसाली सावरिया मूवी बनाने में लग गए और गंगू बाई फिल्म बनाने के बाद उन्हें फिर इस स्क्रिप्ट की याद आयी और उन्होंने नेटफ्लिक्स को कहानी सुनाई दरअसल भंसाली हीरा मंडी पर फिल्म बनाना चाहते थे लेकिन नेटफ्लिक्स को ये कहानी इतनी अच्छी लगी की इस पर वेब सीरीज बनाने का फैसला लिया गया। असल में ‘हीरा मंडी’ पकिस्तान के लाहौर का रेडलाइट एरिया है जिसे ‘शाही मोहल्ला’ भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है हीरामंडी का इतिहास जिसपर संजय भंसाली ने वेब सीरीज बनाई है।
संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ पडोसी देश पाकिस्तान की कहानी है। हीरामंडी पाकिस्तान के एक जिले लाहौर का रेडलाइट एरिया है। आज के युग में तवायफों का नाम लिया जाए तो सबको यही लगता है की रेड लाइट एरिया की बात हो रही है लेकिन हकीकत कुछ और थी उस वक्त बड़े बड़े शाही घरानो के शहजादों को अदब-अंदाज की शिक्षा प्राप्त करने के लिए और संगीत नृत्य जैसी अन्य कला सिखने के लिए उन्हें तवायफों के पास भेज जाता था। दरअसल कहानी काफी पुरानी है जब मुगलो के दौर में पकिस्तान की हिरा मंडी का नाम शाही मोहल्ला होता था। जिसे अदब का मोहल्ला भी कहा जाता था क्युकी यहाँ अलग-अलग देशों से संगीत, नृत्य, तहजीब और कला से जुड़ी औरतों को लाया जाता था। साथ ही यहाँ मौजूद तवायफों के कोठे में शाही घरानो के शहजादों को अदब-अंदाज की शिक्षा दी जाती थी। हलाकि बाद में ये उनके मनोरंजन का केंद्र बनता गया। वही फिर इस इलाके में अफगानिस्तान के अहमद शाह अब्दाली का आक्रमण हुआ और उसके बाद अफगान और उज्बेक देशो से लायी औरतो को यहाँ रख दिया गया। इसी के साथ यहाँ जिस्मफिरोशी का धंधा शुरू हो गया।
हलाकि काफी सालो बाद जब महाराणा रणजीत सिंह ने पंजाब स्टेट की नीव डाली तब इस एरिया की एक बार फिर किस्मत पलट गयी। दरअसल रणजीत सिंह के दरबार में उनके सबसे करीबी लोगो में से एक थे राजा ध्यान सिंह डोगरा जिसके सबसे बड़े बेटे का नाम था हिरा सिंह डोगरा जिन्हे सिख राज के दौर में लाहौर एरिया का प्राइम मिनिस्टर बनाया गया था। साल 1843 से 1844 के बीच ही उन्होंने शाही मोहल्ला को हीरा सिंह दी मंडी का नाम दिया लेकिन धीरे धीरे इसे ‘हीरा मंडी’ के नाम से जाना जाने लगा। दरअसल उस दौर में इसे अनाज का थोक बाजार बनाया गया था। लेकिन देखते ही देखते ये पंजाब की सबसे बड़ी अनाज मंडियों में से एक बन गयी। दिन के उजाले में यहाँ व्यापारी बैठने लगे और अनाज का कारोबार करने लगे। हलाकि पंजाब की जमीन हमेशा से ही खेती का गड रही है। महाराजा रंजीत सिंह के कार्यकाल में लाहौर और उससे जुड़े इलाको का सालाना रीवेन्यू 5 लाख रूपए होता था अगर इसे आज के हिसाब से कन्वर्ट किया जाए तो लाहौर की इकॉनमी कई हजार डॉलर की बैठेगी।
वही सिख राज खत्म होने के बाद ये इलाका ब्रिटिश राज का हिस्सा बन गया। अंग्रेजों ने ‘तवायफों’ के काम को अलग नजरिए से देखा और ये इलाका पूरी तरह से ‘रेड लाइट एरिया’ बनने लगा। हलाकि आज भी ये लाहौर के प्रमुख रेड लाइट एरिया में से एक है। हांलाकि, 90 के दशक के बाद हीरा मंडी की नींव से ईंटे दरकती ही चली गईं. साथ ही 2010 में यहां तरन्नुम सिनेमा के आसपास दो बम धमाके हुए जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया और जो बचाकुचा बिजनेस था वो पूरी तरह से ठप्प हो गया। वही आजादी के बाद पाकिस्तान में इस इलाके को बंद करने की कई कोशिश हुईं। लेकिन ये अब भी हजारों सेक्स वर्कर की आमदनी का जरिया हैं। वही बात करे संजय भंसाली की आयी वेब सीरीज हिरा मंडी की तो हीरामंडी की कहानी बंटवारे से पहले की कहानी है। हीरा मंडी के ओरिजिनल म्यूजिक कल्चर पर ही फोकस है। साथ ही ‘हीरामंडी’ में सोनाक्षी सिन्हा,अदिति राव हैदरी, मनीषा कोइराला, संजीदा शेख, ऋचा चड्ढा जैसे फेमस स्टार्स ने काम किया है।