उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से मरने वालों का आंकड़ा 121 तक पहुंच चूका है जिसमे 28 लोग घायल बताए जा रहे हैं। आपको बता दे घटना के बाद से सत्संग का आयोजक बाबा फरार है। साथ ही दिलचस्प बात ये है कि इस मामले में पुलिस ने जो FIR दर्ज की है, उसमें बाबा का नाम तक नहीं है। दरअसल हाथरस पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर, अन्य आयोजक और अन्य अज्ञात सेवादारों को आरोपी बनाया है। साथ ही नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम आरोपियों में नहीं है।
जो आरोपी बनाए गए हैं, उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) 110 126 (2) (जबरन बंधक बनाना) 223 और 238 (अपराध के सबूतों को मिटाना और गलत जानकारी देना) जैसी लगाई गई है। साथ ही FIR में कहा गया है कि आयोजकों ने 80000 श्रद्धालुओं की परमिशन मांगी थी लेकिन उन्होंने इस तथ्य को छुपाया कि वास्तविक श्रद्धालुओं की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। दरअसल कार्यक्रम में करीब 2.5 लाख लोगों की भीड़ जुट गई थी और जीटी रोड पर ट्रैफिक ब्लॉक हो गया। इतना ही नहीं बल्कि सत्संग के बाद करीब 2 बजे जब भोले बाबा जाने लगे तो भीड़ उनकी कार के पीछे धूल लेने के लिए भागी और इसके बाद भगदड़ मच गई। जिसमे कई लोगो ने अपनी जान गवाह दी।