World Population Day: बदलते उत्तराखंड की जनसँख्या से बिगड़ रही तस्वीर

By New31 Uttarakhand

हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस या फिर यु कहे की अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। दरअसल इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को फैमिली प्लानिंग, लैंगिक समानता और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर अवगत कराना है। आपको बता दे साल 1989 में United Nations के द्वारा इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई और वैश्विक जनसंख्या 5 बिलियन के पार हुई थी जिस चलते इस दिन को ‘डे ऑफ फाइव बिलियन’ के रूप में मनाया गया था। हालांकि इस दिन को मनाते हुए यह कोशिश की जाती है कि वैश्विक जनसंख्या का आंकड़ा तेजी से ना बढ़े और मौजूदा जनसंख्या में शिक्षा, रोजगार, समानता और सशक्तिकरण को लेकर जागरूकता बढ़े।

दरअसल भारत और चीन विश्व के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देशों में शामिल हैं जहां 1 बिलियन से ज्यादा जनसंख्या है जोकि वैश्विक जनसंख्या का 18 प्रतिशत है। बता दे आबादी के असंतुलन ने उत्तराखंड राज्य के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ताने-बाने को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। राज्य के रहने लायक 84.6 प्रतिशत भूभाग में 48 प्रतिशत आबादी रह रही है जबकि 14.4 प्रतिशत भूभाग में 52 प्रतिशत लोग बसे हैं। और रोजगार, अच्छे इलाज साथ ही बेहतर जीवन शैली के लिए पहाड़ से बड़ी आबादी का पलायन लगातार जारी है।

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